जल संकट
पहले नदी या तालाब में स्नान करने के साथ-ही-साथ कपडे भी धो लिए जाते थे। आजकल घरों में वॉशिंग मशीन आ गई है। वॉशिंग मशीन में कितने जल का इस्तेमाल होता है, इसका कोई हिसाब नहीं। पेयजल के लिए घरों में लगी 'आरओ' मशीन एक लीटर पानी साफ करती है और आधा लीटर बेकार बहाती है। देश में उत्पन्न जल संकट का एक और बड़ा कारण है बोरिंग। आज गाँवों से लेकर शहरों तक में बोरिंग के माध्यम से भूमिगत जल का तेजी से दोहन हो रहा है। सरकारें भी कृषिकार्य के लिए किसानों को बोरिंग पर सब्सिडी दे रही हैं। बोरिंग के कारण घटते भूमिगत जलस्तर का प्रभाव पेयजल के लिए लगाए गए हैंडपंप और कुओं पर पड़ रहा है।
Earlier, along with bathing in the river or pond, clothes were also washed. Nowadays washing machines have come in homes. There is no account of how much water is used in the washing machine. For drinking water, the 'RO' machine installed in the houses cleans one liter of water and wastes half a liter. Another major reason for the water crisis in the country is boring. Today, from villages to cities, underground water is being rapidly exploited through boring. Governments are also giving subsidy on boring to farmers for agricultural work. The depleting ground water level due to boring is affecting the hand pumps and wells installed for drinking water.
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प्रार्थना से कामना सिद्धि मनुष्य अनेक शुभ अभिलाषाओं से कुछ यज्ञों को प्रारम्भ करते हैं और चाहते हैं कि यज्ञ सफल हो जाएँ, परन्तु कोई भी यज्ञ तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक उस यज्ञ में देवों के देव अग्निरूप परमात्मा पूरी तरह न व्याप रहे हों। चूँकि जगत में परमात्मा के अटल नियमों व दिव्य-शक्तियों के अर्थात् देवों के द्वारा ही...