जल युद्ध
सरकारें वर्षों में भूमिगत जल को 'रिचार्ज' करने और 'अपशिष्ट' जल के पुनर्प्रयोग पर ध्यान दिया जा रहा है, पर समस्या के समाधान की दृष्टि से यह ऊँट के मुँह में जीरे के समान है। जल संरक्षण के लिए सरकार को सबसे पहले बोरिंग के उपयोग के बारे में कोई नीतिगत निर्णय लेना होगा। कृषि के लिए नहर, तालाब या अन्य विकल्पों की तलाश करने के साथ ही दैनिक जीवन में आए परिवर्तन के कारण बरबाद हो रहे जल के पुनर्प्रयोग की योजना को कड़ाई से लागू करना होगा, वरना यह संकट जल्द ही 'जल युद्ध' का रूप अख्तियार कर सकता है। अतः हमें समय रहते सावधान एवं सतर्क हो जाने की जरूरत है।
Governments over the years have been focusing on 'recharging' groundwater and reusing 'waste' water, but in terms of solving the problem, it is like cumin in a camel's mouth. For water conservation, the government has to first take a policy decision regarding the use of boring. Along with looking for canals, ponds or other options for agriculture, the plan of reusing water which is being wasted due to changes in daily life will have to be strictly implemented, otherwise this crisis will soon take the form of 'water war'. could. So we need to be careful and alert from time to time.
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ज्ञान से आत्म कल्याण संसार की सबसे बड़ी मूल्यवान तथा महत्वपूर्ण चीज जीवन है। हम सब आत्म कल्याण, आत्म उत्थान और जीवन निर्माण के लिए धार्मिक स्थानों, सद्ग्रन्थों और महापुरुषों के साथ जुड़ते हैं। यदि हमें जीवन में सत्य का बोध नहीं हुआ, हमने अपने जीवन की बुराईयों, दुर्गुणों, दोषों आदि को दूर नहीं किया, पशुता से देवत्व की ओर...