ज्ञान से आत्म कल्याण
संसार की सबसे बड़ी मूल्यवान तथा महत्वपूर्ण चीज जीवन है। हम सब आत्म कल्याण, आत्म उत्थान और जीवन निर्माण के लिए धार्मिक स्थानों, सद्ग्रन्थों और महापुरुषों के साथ जुड़ते हैं। यदि हमें जीवन में सत्य का बोध नहीं हुआ, हमने अपने जीवन की बुराईयों, दुर्गुणों, दोषों आदि को दूर नहीं किया, पशुता से देवत्व की ओर नहीं चले, जीवन को धार्मिकता, आध्यात्मिकता तथा परमात्मा के साथ नहीं जोड़ा तो सत्य है कि हमने शिवरात्रि सच्चे अर्थों में नहीं मनाई है। अन्तर्जगत में अन्धेरा, अज्ञान, स्वार्थ, अहंकार, पशुता आदि भरी रही तो समझना चाहिए कि हम स्वयं को धोखे और अन्धेरे में रख रहे हैं।
The most valuable and important thing in the world is life. We all connect with religious places, holy books and great men for self welfare, self upliftment and life building. If we have not realized the truth in life, we have not removed the evils, vices, faults etc. from our life, have not moved from animality to divinity, have not connected life with religiosity, spirituality and God, then it is true that we have not celebrated Shivratri in true sense.
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