पंच तत्व
मानसकार ने कहा है - छिति जल पावक गगन स्मेरा। पंच रचित अति अधम सरीरा।। अर्थात - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश ये पाँच तत्व हैं, जिनसे शरीर बनता है। इन पाँच तत्वों में से जो ज्यादा स्थूल है, वह पृथ्वी तत्व है। इसमें शेष चारों तत्व मौजूद हैं। कोई भी प्राणी तब तक स्वस्थ रहता है, जब तक पाँचों तत्व अपने-अपने अनुपात से मौजूद रहते हैं जब तक पाँचों तत्व शुद्ध अवस्था में होते हैं। जब इन तत्वों में कमी या अशुद्धि होती है तो प्राणी में विकार आ जाता है और वह रोगी हो जाता है।
Manaskar has said - Chiti Jal Pavak Gagan Smera. Pancha's very adamant sarira. That is, earth, water, fire, air and sky are the five elements from which the body is made. Out of these five elements, which is more gross is the earth element. The remaining four elements are present in it. Any living being remains healthy as long as the five elements are present in their respective proportions as long as the five elements are in pure state. When there is a deficiency or impurity in these elements, then there is disorder in the creature and he becomes sick.
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ज्ञान से आत्म कल्याण संसार की सबसे बड़ी मूल्यवान तथा महत्वपूर्ण चीज जीवन है। हम सब आत्म कल्याण, आत्म उत्थान और जीवन निर्माण के लिए धार्मिक स्थानों, सद्ग्रन्थों और महापुरुषों के साथ जुड़ते हैं। यदि हमें जीवन में सत्य का बोध नहीं हुआ, हमने अपने जीवन की बुराईयों, दुर्गुणों, दोषों आदि को दूर नहीं किया, पशुता से देवत्व की ओर...